लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड में बुधवार को सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई.एसआईटी प्रमुख आईजी लखनऊ सुजीत पांडे ने एडीजी लखनऊ को एसआईटी रिपोर्ट सौंप दी.
विवेक तिवारी कार भगाने की कोशिश भी करता तो प्रशांत की जान को कोई खतरा नहीं था. फॉरेंसिक सबूतों से यह बात साबित हुई है.
इस चार्जशीट में सिपाही प्रशांत कुमार को हत्या का दोषी माना गया है. वहीं सह आरोपी सिपाही संदीप के खिलाफ मारपीट की धारा में चार्जशीट दाखिल की गई है. मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर महानगर, विकास पांडे ने ये चार्जशीट दाखिल की है.
वारदात के समय विवेक तिवारी की गाड़ी चल रही थी. जांच में सामने आया कि विवेक की गाड़ी से सिपाही प्रशांत और संदीप की जान खतरे में नहीं थी. इन हालातों में सीधे निशाना लेकर विवेक पर गोली चलाना फायरिंग की ट्रेनिंग के खिलाफ माना गया है. वहीं जांच में एयर बैग खुले होने से साबित हुआ गाड़ी चल रही थी. सीट बेल्ट पर खून के निशान भी मिले. यही नहीं जिस पिस्टल से गोली मारी गई, वह सिपाही प्रशांत कुमार के नाम पर ही अलॉट थी. प्रशांत को मालूम था कि गोली चलाने का अंजाम क्या हो सकता है? यह भी साफ हुआ कि विवेक तिवारी कार भगाने की कोशिश भी करता तो प्रशांत की जान को कोई खतरा नहीं था. फॉरेंसिक सबूतों से यह बात साबित हुई
सह आरोपी संदीप पर मारपीट का आरोप चार्जशीट में लगाया गया है. संदीप पर विवेक तिवारी की महिला मित्र सना से मारपीट का आरोप लगा है. उधर एसआईटी रिपोर्ट में इसके अलावा तत्कालीन सीओ गोमतीनगर चक्रेश मिश्रा, इंस्पेक्टर डीपी तिवारी पर भी कार्रवाई की संस्तुति की गई है. आईपीएस चक्रेश मिश्रा और डीपी तिवारी पर कार्रवाई डीजीपी ओपी सिंह तय करेंगे.