इसरो ( #ISRO) चीफ के सिवन ( #KSivan) ने बताया, चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) का ऑर्बिटर,
जिसका वजन 2,379 किलो है और यह 1000 वाट बिजली का उत्पादन कर सकता है,
इसे चंद्रमा की 100x100Km की ध्रुवीय कक्षा ( #Polar #Orbit) में स्थापित कर दिया गया है.
बंगलुरू. चंद्रयान-2 मिशन ( #Chandrayaan-2 #Mission) के बारे में इसरो (ISRO) ने एक नई खुशखबरी देश को दी है. इसरो ने मिशन के पूरे होने की तारीख के एक दिन बाद ही कहा है कि चंद्रमा के इर्द-गिर्द चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर ( #Orbiter) की जिंदगी पहले लगाए गए अनुमान एक साल के मुकाबले साढ़े सात साल तक बढ़ सकती है.
इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कहा कि मिशन के दो पार्ट थे. एक था विज्ञान का और दूसरा था तकनीकी प्रदर्शन का. हमारे विज्ञान वाले पार्ट में हमें 100% सफलता मिली है. हम ऑर्बिटर का प्रयोग 7.5 साल के लिए कर सकते हैं. आखिरी दौर में हमारा संपर्क लैंडर से कट गया. ऐसे में हमारे हिस्से कोई असफलता नहीं है. एजेंसी ने यह भी कहा कि मिशन ने अपने लक्ष्यों में से 90%-95% अभी तक पूरे कर लिए हैं.
ISRO के चेयरमैन के सिवन ने यह भी कहा है कि लैंडर के साथ हम अगले 14 दिनों तक संपर्क साधने का प्रयास करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास चंद्रमा की इतनी अच्छी रिजोल्यूशन वाली तस्वीरें होंगीं, जितनी आज तक किसी के पास नहीं रहीं.
हम अब भी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि लैंडर में क्या खराबी आई? लेकिन हम अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं.