सुखबीर बादल- आज हमारा वफद राज्यपाल से मिला है।
पीड़ित परिवार भी साथ।
: कैप्टन की सिफ़ारिश पर ये फ़ैसला लिया गया।
हमने राज्यपाल को फ़ैसले पर पुनरविचार करने को कहाँ है।
परिवार ने अपना सब कुछ दाँव पर लगा कर 22 साल इंसाफ़ की लड़ाई लड़ी।
सुखबीर बादल ने पढ़ा जज का फ़ैसला।
जज ने कहाँ- reward लेने के लिए पुलिस वालों ने एक ग़रीब बच्चे को मार दिया।
मुख्य मंत्री ने दोषियों को निकलवा दिया। जबकि दोषियों को सख़्त सज़ा देने की अपील अभी कोर्ट में है।
As per law पंजाब सरकार ऐसा फ़ैसला नहीं कर सकती।
राज्यपाल से पंजाब सरकार ने fact छुपाए
अगर राज्यपाल से पॉज़िटिव response नहीं मिला तो कोर्ट जाने पर विचार हो रहा।
पीड़ित के परिजन हुए भावुक
सुखबीर की कैप्टन से अपील- इतने बड़े पाप ना कीजिए। नहीं तो उनको सीएम रहने का हक़ नहीं।
सुखबीर ने फिर किया साफ़- रंधावा का जवाब नी दूँगा। मैंने सबूत दिए कि मेरे पास कोई फ़ाइल नहीं हुई।
जब से रंधावा मंत्री बना उसकी करतूतें देखो। हो क्या रहा है, मौतें हो रही है।
हरजीत की बहन ने कहाँ कि राज्यपाल से अंग्रेज़ी में बात हुई मुझे समझ नहीं आया।
पर मैंने उनको सारा कुछ बताया।
अगर कोई हमारी मदद करें तो अच्छा नहीं तो हम हाई कोर्ट जाएँगे और वहाँ नहीं सुनी तो सप्रीम कोर्ट जाएँगे।