सतलोक आश्रम प्रकरण में विवादित संत रामपाल को हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी करार दे दिया। फैसले के लिए सेंट्रल जेल में ही कोर्ट बनाया गया और अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश डी. आर. चालिया ने मामले की सुनवाई की। मामला 2014 का है जब रामपाल के आश्रम में भड़की हिंसा में 7 लोगों की मौत हुई थी जिसमें 5 महिलाएं और 1 बच्चा भी शामिल था। फैसले के बाद रामपाल के समर्थकों द्वारा उपद्रव होने की आशंका के चलते जेल के ही अंदर विडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए रामपाल की पेशी हुई।
18 नवंबर 2014 को सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को बरवाला स्थित उसके आश्रम से बाहर निकालने के लिए पुलिस ने अभियान चलाया था। कार्रवाई के पहले दिन काफी लोग घायल हुए, लेकिन रामपाल के समर्थक डटे रहे। रामपाल के बाहर निकलने तक काफी हिंसा हुई और इस दौरान पांच महिलाओं समेत एक बच्चे की मौत हुई थी। पुलिस ने हिंसा के एक मामले में रामपाल के अलावा 15 लोगों पर और एक अन्य मामले में रामपाल समेत14 लोगों पर केस दर्ज किया था।
रवाला के सतलोक आश्रम प्रकरण में हत्या के दो मुकदमों की सुनवाई अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अजय पराशर सेंट्रल जेल वन में कर रहे थे। उनका पिछले दिनों यहां से तबादला हो गया था जिसके बाद रामपाल के प्रमुख तीन मुकदमे अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश डी. आर. चालिया की अदालत में स्थानांतरित हो गए।