श्रीमद् भगवद् गीता 1.9
“अन्य च बहवः श्रूरा मदर्थे त्यक्तजीविताः |
नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः || ९ ||”
अनुवाद
ऐसे अन्य वीर भी हैं जो मेरे लिए अपना जीवन त्याग करने के लिए उद्यत हैं । वे विविध प्रकार के हथियारों से सुसज्जित हैं और युद्धविद्या में निपुण हैं ।
तात्पर्य
जहाँ तक अन्यों का-यथा जयद्रथ, कृतवर्मा तथा शल्य का सम्बन्ध है वे सब दुर्योधन के लिए उपने प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार रहते थे । दुसरे शब्दों में, यह पूर्वनिश्चित है कि वे पापी दुर्योधन के दल में सम्मिलित होने के कारण कुरुक्षेत्र के युद्ध में मारे जायेंगे । निस्सन्देह अपने मित्रों की संयुक्त-शक्ति के कारण दुर्योधन अपनी विजय के प्रति आश्र्वस्थ था ।
Srimad Bhagavad Gita 1.9
Translation
There are many other heroes who are prepared to lay down their lives for my sake. All of them are well equipped with different kinds of weapons, and all are experienced in military science.
Purport:
As far as the others are concerned – like Jayadratha, Kṛtavarmā and Śalya – all are determined to lay down their lives for Duryodhana’s sake. In other words, it is already concluded that all of them would die in the Battle of Kurukṣetra for joining the party of the sinful Duryodhana. Duryodhana was, of course, confident of his victory on account of the above-mentioned combined strength of his friends.