कोरोना वायरस (Coronavirus) से दुनिया भर में मौत का आंकड़ा 33 हज़ार को पार कर गया है. इसमें से 10 हजार से ज्यादा लोगों की जान अकेले इटली (Italy) में जा चुकी है. इटली ने स्पेन, चीन और अमेरिका को काफी पीछे छोड़ दिया है. यहां औसतन हर रोज सात सौ से ज्यादा लोग मौत के मुंह में समा रहे हैं. अगर स्वास्थ्य सेवाओं की बात की जाए तो इटली में टॉप क्लास की मेडिकल सुविधा है. बावजूद इसके अब तक दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों की मौत यहीं पर हुई है और ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इटली में ही ऐसा क्यों हो रहा है. आईए एक नजर डालते हैं मुख्य वजहों पर
1. कोरोना वायरस की चपेट में हर उम्र के लोग आ रहे हैं, लेकिन बुजुर्गों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है. खास कर 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगो में संक्रमण के बाद मौत का खतरा सबसे ज्यादा होता है. वजह है कमजोर इम्यूनिटी लेवल. इटली में जापान के बाद सबसे ज्यादा बुढ़े लोग रहते हैं. आंकड़ों के मुताबिक इटली में 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या करीब एक करोड़ 76 लाख है यानी करीब 23 फीसदी. जबकि जापान में ये संख्या करीब साढ़े तीन करोड़ है.
2. आंकड़ों के मुताबिक, इटली में ज्यादातर ऐसे लोगों की मौत हुई है जिसकी औसत उम्र 78 साल से ज्यादा रही है. हालांकि पिछले दिनों 102 साल की एक महिला 20 दिन हॉस्पिटल में बिताने के बाद ठीक हो कर वापस घर आ गईं.
3. चीन के वुहान शहर में जैसे ही कोरोना वायरस के बारे में पता चला करीब एक करोड़ लोगों को लॉकडाउन कर दिया गया. सारी ट्रेन, फ्लाइ्ट्स और बसों को बंद कर दिया गया. लेकिन इटली में ऐसा नहीं हुआ काफी देर से यहां शहरों को लॉकडाउन किया गया. इतना ही नहीं लोग लॉकडाउन को मानने के लिए तैयार भी नहीं थे. जब यहां की सरकार ने 3000 यूरो का जुर्माना लगाना शुरू किया तब लोग घर में रहने लगे.
5. इटली के सैको हॉस्पिटल के डॉक्टर मैसिमो गाल्ली का कहना है कि यहां कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या को तोड़ मंरोड़ कर पेश किया जा रहा है. सीएनएन से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि असली आंकड़ें कही ज्यादा हैं. यानी आने वाले दिनों में यहां मौत की संख्या काफी ज्यादा बढ़ सकती है.