रूस में सितंबर में होने वाले सैन्य अभ्यास में भारत और पाकिस्तान हिस्सा लेंगे. इस सैन्य अभ्यास में कई देश भाग लेंगे. शांति मिशन के इस अभ्यास का मुख्य मकसद एससीओ के आठ सदस्य देशों के बीच आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाना है.
रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में एससीओ की स्थापना की थी.
सैन्य अभ्यास शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में तैयार किए गए प्लान के तहत किया जाएगा.आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के मकसद से आयोजित इस सैन्य अभ्यास में चीन और कई अन्य देश भी शामिल होंगे
अभ्यास रूस के उराल पर्वत क्षेत्र पर आयोजित किया जाएगा और एससीओ के लगभग सभी सदस्य इसका हिस्सा बनेंगे.
बीजिंग में एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के इस अभ्यास में भाग लेने की पुष्टि की.आजादी के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान दोनों एक ही सैन्य अभ्यास का हिस्सा होंगे. हालांकि दोनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा मिशन में साथ काम किया है.