ट्रेन में सफर के दौरान आपको किसी तरह की परेशानी होगी तो उसके समाधान के लिए अब “कैप्टन” मौजूद होगा। उसके हाथ में ट्रेन की सफाई, सुरक्षा व संरक्षा से लेकर यात्रियों को उपलब्ध होने वाली सभी सेवाओं की कमान होगी और ट्रेन में तैनात सभी कर्मचारियों को नियंत्रित करने का अधिकार होगा। वह उन्हें यात्रियों की सुरक्षित व मंगलमय यात्रा के लिए जरूरी निर्देश दे सकेगा। यदि उन्हें दायित्व निर्वहन में किसी तरह की अड़चन आती है तो उसे वह दूर करेगा। इससे ट्रेन में साफ-सफाई से लेकर अन्य शिकायतों को दूर करने में मदद मिलेगी और सुविधाओं की गुणवत्ता भी सुधरेगी।
ट्रेन में अक्सर एयर कंडीशनर (एसी), पंखे व लाइट खराब होने के साथ ही शौचालय की सफाई को लेकर यात्री परेशान रहते हैं। खानपान, प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को सीट आवंटन में गड़बड़ी को लेकर भी उनकी शिकायतें रहती हैं, लेकिन सफर के दौरान उसका समाधान मुश्किल होता है। यात्रियों को यह समझ नहीं आता है कि वह शिकायत लेकर किसके पास जाएं। इस समस्या के समाधान के लिए राजधानी, शताब्दी सहित सभी मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में “कैप्टन” तैनात करने का फैसला किया गया है। रेलवे बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मंजूर करने के बाद सभी जोनल रेलवे को निर्देश जारी कर दिया है। उम्मीद है कि एक महीने में इस पर अमल शुरू हो जाएगा।
ट्रेन में अक्सर एयर कंडीशनर (एसी), पंखे व लाइट खराब होने के साथ ही शौचालय की सफाई को लेकर यात्री परेशान रहते हैं। खानपान, प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को सीट आवंटन में गड़बड़ी को लेकर भी उनकी शिकायतें रहती हैं, लेकिन सफर के दौरान उसका समाधान मुश्किल होता है।
यात्रियों को यह समझ नहीं आता है कि वह शिकायत लेकर किसके पास जाएं। इसके समाधान के लिए ट्रेनों में ‘कैप्टन’ तैनात करने का फैसला किया गया है। उम्मीद है कि एक महीने में इस पर अमल शुरू हो जाएगा।जिन ट्रेनों में ट्रेन सुपरिंटेंडेंट की तैनाती नहीं है उनमें वरिष्ठ टिकट निरीक्षक (टीटीई) को ‘कैप्टन’ नामित कर उसे बैज उपलब्ध कराया जाएगा।’
ट्रेन में तैनात सभी कर्मचारियों के पास ‘कैप्टन’ का मोबाइल नंबर होगा। इसके साथ ही आरक्षण चार्ट पर कैप्टन का नाम व नंबर डिस्प्ले किया जाएगा। राजधानी, शताब्दी व दूरंतों जैसी कुछ ट्रेनों में ट्रेन सुपरिंटेंडेंट की तैनाती की गई है, जो अब ट्रेन ‘कैप्टन’ बनाए जाएंगे। उनकी अलग वर्दी व बैज होगा। जिससे यात्रियों को उन्हें पहचानने में कोई दिक्कत न हो।
“कैप्टन” की होगी विशेष वर्दी व बैज
ऐसा नहीं है कि साफ-सफाई व अन्य शिकायतों को दूर करने के लिए ट्रेन में कर्मचारी नहीं होते हैं। दिक्कत उनके तालमेल की है। इसलिए राजधानी, शताब्दी व दूरंतों जैसी कुछ वीआइपी ट्रेनों में ट्रेन सुपरिटेंडेंट की तैनाती की गई है, जो अब ट्रेन “कैप्टन” बनाए जाएंगे। उनकी अलग वर्दी व बैज होगा, ताकि यात्री उन्हें आसानी से पहचान सकें।
सभी कर्मचारी करेंगे रिपोर्ट
“कैप्टन” की तैनाती का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की परेशानी को दूर करना है। इसलिए ट्रेन में तैनात सभी रेलकर्मी और ठेकेदार के कर्मचारियों का सुपरवाइजर उसे रिपोर्ट करेंगे। रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को संबंधित कर्मचारियों को इस बारे में निर्देशित करने को कहा है ताकि “कैप्टन” को अपने दायित्व निर्वहन में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो।जिन ट्रेनों में ट्रेन सुपरिटेंडेंट की तैनाती नहीं है उनमें वरिष्ठ टिकट निरीक्षक (टीटीई) को “कैप्टन” नामित कर उसे बैज उपलब्ध कराया जाएगा। जिस स्टेशन पर उसकी ड्यूटी खत्म होगी, वहां वह दूसरे वरिष्ठ टीटीई को बैज सौंप देगा।
ट्रेन में तैनात सभी कर्मचारियों के पास “कैप्टन” का मोबाइल नंबर होगा ताकि वह हमेशा उनके संपर्क में रह सकें। इसके साथ ही यात्रियों को भी उसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए आरक्षण चार्ट पर कैप्टन का नाम व नंबर डिस्प्ले किया जाएगा ताकि यात्री समस्या होने पर उससे संपर्क कर सकें।
ट्रेन में सफर के दौरान आपको किसी तरह की परेशानी होगी तो उसके समाधान के लिए अब ‘कैप्टन’ मौजूद होगा। उसके हाथ में ट्रेन की सफाई, सुरक्षा व संरक्षा से लेकर यात्रियों को उपलब्ध होने वाली सभी सेवाओं की कमान होगी और ट्रेन में तैनात सभी कर्मचारियों को नियंत्रित करने का अधिकार होगा।