गधा बनेगा नायब तहसीलदार, परीक्षा के लिए जारी हुआ एडमिट कार्ड
यह लापरवाही है या कोई शरारत। जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड की ओर से एक गधे के नाम से नायब तहसीलदार पद की भर्ती परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी हुआ है। फॉर्म पर गधे की तस्वीर और अन्य जानकारियां भरी हैं।श्रीनगर जम्मू-कश्मीर में दो साल पहले एक परीक्षा में एक गाय को प्रवेश पत्र जारी किये जाने के बाद अब नायब तहसीलदार भर्ती परीक्षा के लिए गदहे को प्रवेश पत्र जारी किया गया है. राजस्व विभाग के अंतर्गत नायब तहसीलदारों के चयन के लिए लिखित परीक्षा होनी थी । गधे के नाम पर जारी प्रवेशपत्र फेसबुक, ट्विटर और वाट्सऐप पर लगातार वायरल हो रहा है। एक व्यक्ति ने अपने ट्विटर हैंडल पर गधे की तस्वीर वाले प्रवेश पत्र का जिक्र करते हुए लिखा कि जिसने यह शरारत की है, उसने सिर्फ समय और संसाधन दोनों ही जाया किए हैं। एक व्यक्ति ने लिखा कि अधिकारी चाहते तो तो इस आवेदन को तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुए अपने सिस्टम से हटा सकते थे क्योंकि 2015 में इस तरह की घटना सुर्खियां बटोर चुकी है। गौरतलब है कि 2015 में जम्मू कश्मीर बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल इंट्रेंस एग्जामिनेशन में एक गाय के नाम पर प्रवेश पत्र जारी हुआ था। गौरतलब है कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा था कि प्रणली को फुल प्रूफ बनाया जाएगा और उसके बाद भी इस तरह की हरकत से सिस्टम पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। यह एडमिट कार्ड किसी काचूर खार के नाम से जारी किया गया है जिस पर गधे की फोटो है और तस्वीर वकायदा एटेस्टेड भी है।
जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड ने रविवार को होने वाली परीक्षा के लिए कचुर खार (भूरा गदहा) के नाम पर प्रवेश पत्र जारी किया है. ऐसा लगता है कि किसी ने मजाक में गदहे के नाम पर आवेदन कर दिया था.
ट्वीटर और फेसबुक पर ‘एडमिट कार्ड’ की तस्वीर को काफी लोग शेयर कर रहे हैं. प्रवेश पत्र पर गदहे की तस्वीर लगी हुई है. इस गड़बड़ी पर टिप्पणी करने के लिए बोर्ड को कॉल किया गया, लेकिन किसी अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया. एक ट्वीटर उपयोगकर्ता ने लिखा कि यह हास्यास्पद है कि गदहे के नाम पर प्रवेश पत्र जारी किया गया और फिर इसे समाचार बना दिया गया. यह दिखाता है कि हमारे पास कितना फालतू समय है. इसे भी पढ़ेंः इस छात्रा का एडमिट कार्ड देखकर शर्म से झुक जायेगा आपका सिर, पढ़ें एक फेसबुक यूजर ने लिखा कि इस आवेदन पत्र को एसएसबी डिलीट कर सकता था, क्योंकि साल 2015 में भी ऐसा ही मामला हुआ था. साल 2015 में व्यावसायिक प्रवेश परीक्षा बोर्ड ने एक गाय के नाम पर प्रवेश पत्र जारी कर दिया था.