केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से अयोध्या (Ayodhya) में विशाल और भव्य राम मंदिर (Ram temple) के निर्माण के लिए 15 सदस्यीय एक स्वतंत्र ट्रस्ट का गठन कर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (prime minister narendra modi) ने सुप्रीम कोर्ट की तीन महीने की समय-सीमा खत्म होने से चार दिन पहले लोकसभा में संबंधित घोषणा की. इसके बाद ट्रस्ट को केंद्र की ओर से एक रुपये का नकद दान भी मिला, जो ट्रस्ट को मिला पहला दान है.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के कुछ देर बाद पीएम मोदी ने राम मंदिर निर्माण की योजना और इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नामक ट्रस्ट के गठन की सूचना लोकसभा में दी. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश के करोड़ों लोगों की तरह यह विषय मेरे दिल के करीब है.
इस बारे में बात करना मैं अपने लिए एक बड़ा सौभाग्य मानता हूं.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मंत्रिमंडल का निर्णय राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में बीते 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के मुताबिक है.’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘शीर्ष अदालत के निर्देश के आधार पर मेरी सरकार ने अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थल पर विशाल और भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए एक वृहद योजना को स्वीकृति दे दी है. इसका निर्माण कार्य देखने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र नाम से एक ट्रस्ट गठित किया गया है.
इस ट्रस्ट के पास राम मंदिर निर्माण और इससे जुड़े विषयों पर स्वतंत्र रूप से निर्णय करने के अधिकार होंगे. ट्रस्ट का रजिस्टर्ड ऑफिस दिल्ली में होगा.’केंद्र ने ट्रस्ट में शामिल ट्रस्टियों के नामों की घोषणा भी कर दी है.
इनमें वरिष्ठ वकील के. परासरण, जगदगुरु शंकराचार्य, ज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज (इलाहाबाद), जगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज (उडुपी के पेजावर मठ से), युगपुरुष परमानंद जी महाराज (हरिद्वार), स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज (पुणे) और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या) शामिल