केस के दौरान उनके पास कई राजनेताओं की तरफ से डेरे के साथ समझौता करने की बात अंशुल छत्रपति

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पत्रकार रामचंदर छत्रपति मर्डर केस में पंचकूला की सी बी आई की विशेष अदालत ने सजा का ऐलान करते हुए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित अन्य आरोपियों को उम्रकैद कैद की सजा सुनाई है,कोर्ट के फैसले के बाद रामचंदर छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति ने कहा की इतने लम्बे संघर्ष के बाद जो कोर्ट ने फैसला सुनाया है वो संतोषजनक है,न्याय की जीत हुई है,जिस व्यक्ति के खिलाफ हम लड़ाई लड़ रहे थे,उसके बारे में लोग कहते थे की गुरमीत राम रहीम को सलाखों के पीछे कोई नहीं डाल सकता,लकिन कोर्ट ने फैसला सुनाया,इससे हम संतुष्ट है.

केस के दौरान उनके पास कई राजनेताओं की तरफ से डेरे के साथ समझौता करने की बात रखी गई थी,अंशुल ने बताया की अप्रत्यक्ष तरीके से राजनेताओ द्वारा समझौता करवाने की पेशकश की गई.उन्होंने बताया की हमारे सहयोगियों को तोड़ने का प्रयास भी किया गया.उन्होंने कहा हमारे एक सहयोगी शिव राम को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल ने डेरे के साथ हमारा समझौता करने की पेशकश की थी.जब हमने इस बात का इंकार किया तो उनके तरफ से कहा था की डेरे का कुछ नहीं बिगड़ेगा। अंशुल ने कहा की पंजाब के एक एक्स कैबिनेट मिनिस्टर की तरफ से समझौता करने की पेशकश की गई थी,उन्होंने हमारे वकील साहब से समझौता करवाने की अपील की थी.लकिन हमारे वकील साहब ने मना कर दिया था.
कोर्ट के फैसले के बाद दिवंगत रामचंदर छत्रपति की पत्नी कुलवंत कौर ने पहली बार मीडिया में बयान देते हुए कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा की मुझे उम्मीद थी भले ही देर हो जाये लकिन फैसला हमारे हक़ में आएगा।
कल कोर्ट में सी बी आई ने बात रखी थी की इस मामले में परिवार को मुआवजा दिया जाये। साथ ही आरोपी गुरमीत राम रहीम को फांसी का सजा हो.अंशुल ने कहा की हमें लगता है की मुआवजा जरुरी नहीं था सजा कोर्ट ने सुनाई इससे हम
पत्रकार रामचंदर छत्रपति मर्डर केस में पंचकूला की सी बी आइ की विशेष अदालत ने सजा का ऐलान करते हुए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सहित अन्य आरोपियों को उम्रकैद कैद की सजा सुनाई है,

कुलवंत कौर ने कहा की जिस वक़्त ये घटना हुई उसके बाद हम डर गए थे,मेरे बच्चे छोटे छोटे थे.अंशुल तो बड़ा था,मुझे डर था की ये लोग मेरे बच्चो को अगवा ने कर ले इसी के चलते मैंने श्रीयसी को बाहर भेज दिया। लकिन कुछ समय बाद हमने सोचा की हम लड़ाई लड़ेंगे। हमने मन बनाया और सोचा की ऐसा थोड़ी न है की ये सबके साथ ऐसा ही करेंगे। इसके बाद हमने कानूनी लड़ाई लड़ी और हमें न्याय मिला। उन्होंने बताया की इन 16 सालों में हमने बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा लकिन हम डरे नहीं और कानूनी लड़ाई लड़ते रहे.

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