पंजाब-हरियाणा –चंडीगढ़ में बैसाखी की धूम
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर और छबील की व्यवस्था की गई।
त्योहार के रंग में रंगे बहुत-से लोग अमृतसर के स्वर्ण मंदिर सहित विभिन्न गुरुद्वारों में अरदास करने पहुंचे। दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह द्वारा 13 अप्रैल, 1699 को बैसाखी के दिन खालसा पंथ की शुरुआत के उपलक्ष्य में यह त्योहार मनाया जाता है।फसल पकने की खुशी और खालसा पंथ की शुरुआत का प्रतीक बैसाखी त्योहार बुधवार को पंजाब और हरियाणा में परस्पर उल्लास और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।
बैसाखी के मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल स्वर्ण मंदिर में अरदास की।बैसाखी पंजाब और आसपास के प्रदेशों का सबसे बड़ा त्योहार है। यह रबी की फसल के पकने की खुशी का प्रतीक है।
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर और छबील की व्यवस्था की गई। स्वर्ण मंदिर और अकाल तख्त में अरदास करने के इच्छुक हजारों श्रद्धालु मंगलवार की रात से ही कतारों में लग गए थे। इस मौके पर स्वर्ण मंदिर को बहुत सुंदर तरीके से सजाया गया था।