अपना घर यौन शोषण मामले में सीबीआई कोर्ट ने सुनाई सजा, जसवंती देवी जय भगवान और सतीश को दी उम्रकैद की सजा। जसवंत को सुनाई 7 साल की सजा ।शीला , सिमी व वीना को किया undergone। रोशनी और रामप्रकाश को भेजा प्रोबेशन पर।अपना घर केस में आरोपियों को जब अदालत ने दोषी करार दिया 3 को हुई सजा, तो उनके रिश्तेदारों और आरोपियों की आंखों से आंसू छलक पड़े।
इस मामले में पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में फरवरी, 2018 में अंतिम बहस शुरू हुई थी।
पीड़ितों की ओर से दिए बयान और आरोपियों की पहचान के बाद आरोपी सतीश और जय भगवान के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म की धारा जोड़ी गई थी।
सुबूतों के आभाव में अंगरेज कौर हुईं बरी बचाव पक्ष के वकील एसपीएस परमार और अभिषेक सिंह राणा ने बताया कि इस मामले के नौ आरोपियों को दोषी करार दिया गया है जबकि अंगरेज कौर हुड्डा जो तत्कालीन सीडीपीओ थीं, उन्हें सुबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया है।
उन पर लड़कियों के साथ अनाथालय में मारपीट का आरोप था, लेकिन यह आरोप साबित नहीं किया जा सका। राम रहीम को सजा सुनने वाले जज ने सुनाई सजा रोहतक के अपना घर में यौन उत्पीड़न, मानव तस्करी के अलावा शारीरिक और मानसिक यातनाएं झेलने वाली बेटियों को आखिरकार न्याय मिल ही गया। न्याय देने वाले वही जगदीप सिंह हैं, जिन्होंने 25 अगस्त, 2017 को साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिया था।
अपना घर की संचालिका जसवंती देवी, भाई जसवंत, बहन शीला, काउंसलर वीणा, ड्राइवर सतीश, कर्मी राम प्रकाश सैनी, जयभगवान, सिम्मी, रोशनी, अंगरेज कौर हुड्डा के खिलाफ आईपीसी की धारा 109, 120बी, 323, 325, 354, 374, 376, 420, 468, 471 सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामले में 147 गवाहों के दर्ज हुए बयान इस मामले में अब तक सीबीआई की ओर से 121 गवाहों समेत बचाव पक्ष के 26 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे।
रोहतक स्थित अनाथालय अपना घर में 08 मई 2012 को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने छापामारी की थी। इस कार्रवाई के दौरान अपना घर से तीन लड़कियों के लापता होने की जानकारी टीम को मिली। बाद में तीनों लड़कियां दिल्ली से बरामद हुईं। अपना घर में हुई छापेमारी के दौरान आरोपियों की मिलीभगत से अनाथालय में रहने वाली लड़कियों को देह व्यापार में ढकेलने, उनके यौन शोषण, मारपीट और मानव तस्करी का खुलासा हुआ था।
मामला है रोहतक के बहुचर्चित ‘अपना घर’ में यौन शोषण का। 6 साल बाद शुक्रवार को पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई अदालत ने अपना घर (अनाथालय) की संचालिका जसवंती देवी समेत नौ आरोपियों को सजा सुनाई। कोर्ट ने संचालिका जसवंती देवी, ड्राइवर सतीश और दामाद जय भगवान को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
जसवंती के भाई जसवंत को 7 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं 5 अन्य दोषी जसवंती की बेटी सुषमा उर्फ सिमी, चचेरी बहन शीला, सहेली रोशनी, कर्मचारी रामप्रकाश सैनी, काउंसलर वीना की सजा अंडरगोन कर दी गई है। 18 अप्रैल को सभी को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। आरोपियों में संचालिका जसवंती देवी का भाई जसवंत, बहन शीला, काउंसलर वीणा, ड्राइवर सतीश, कर्मचारी रामप्रकाश सैनी, जय भगवान, सिम्मी और रोशनी शामिल हैं।
एक आरोपी अंगरेज कौर हुड्डा (तत्कालीन बाल विकास परियोजना अधिकारी) को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में सभी आरोपियों सहित उनके नजदीकी और रिश्तेदार भी मौजूद थे।