बेटे-बेटी की परवरिश में हो अगर एक समानता तभी देश से खत्म होगी “लैंगिक असमानता”

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बेटे-बेटी की परवरिश में हो अगर एक समानता तभी देश से खत्म होगी “लैंगिक असमानता” : विवेक अत्रे

राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस के उपल्क्षय में “लिंग समानता” विषय पर करवाई काफ्रेंस

मौहाली (24 जनवरी) : गर्ल्स राईज फॉर मौहाली द्वारा राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस के अवसर पर खालसा कॉलेज, फेज 3ए में  लैंगिक समानता पर एक कांफ्रेस का आयोजन किया गया । जिसमें की कई सारे स्कूल, कॉलेज और पंजाब युनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया । ज्ञात हो कि वर्ष 2008 से केंद्र सरकार द्वारा 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस के रूप में मनाया जाता है । देश और समाज में लैंगिक आधार पर होने वाले भेदभाव पर सार्थक वार्ता के लिए करवाई गई इस कांफ्रेस में हरियाणा कैडर के पूर्व आई.ए.एस अधिकारी तथा लेखक श्री विवेक अत्रे, पजांबी कावयत्री बब्बू तीर और पंजाब महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बीबी परमजीत कौर लांडरा ने बतौर मुख्य वक्ता हिस्सा लिया । इस अवसर पर विवेक अत्रे ने कहा कि समाज में लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को रोकने के लिए जरूरी है कि बच्चों की परवरिश ही इस तरीके से की जाए ताकि वह मर्द और औरतों को एक समान नज़र से देखें । उन्होंने कहा कि भारतीय मां-बाप अक्सर बच्चों की परवरिश के दौरान बेटा-बेटी में फर्क करते हैं । जिससे की लड़कों के अंदर शुरू से ही लड़कियों के प्रति एक नाकारत्मक भावना पैदा हो जाती है और लड़कियां लड़कों के प्रति हीनभावना से ग्रस्त हो जाती हैं । वहीं बब्बू तीर ने कहा कि औरतों को ना सिर्फ औरतों के अधिकारों के लिए ही नही बल्कि हर प्रकार से दबे कुचले लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए । उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पूरूष के करियर की कामयाबी बिना औरतों के सहयोग से संभव नही हैं । वैसी ही आज के समय में कामकाजी औरतों की कामयाबी के लिए पूरूषों का सहयोग जरूरी है । वहीं बीबी परमजीत कौर लांडरा ने कहा कि औरतों को अधिक से अधिक राजनीति में आना चाहिए ताकि वह नीति निर्माण में मुख्य भूमिका निभा सके । उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया की जो औरतें पहले से ही राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं वो भी अपने पति या पिता के प्रभाव से बाहर निकलकर आजादी से काम करें । वहीं मंच संचालक की भूमिका निभाते हुए गर्ल्स राईज फॉर मौहाली की संस्थापक तथा वार्ड 29 से पार्षद बीबी उपींदरप्रीत कौर ने कहा कि देश के विकास के लिए जरूरी है कि आधी अबादी के हैसियत रखने वाली औरतों को नीतियों के निमार्ण और निधार्रण प्रक्रिया में अधिक से अधिक शामिल किया जाऐ । इस मौके पर डा. निरलेप कौर, डा. गुरमन सिंह, डा. आस्था बग्गा, पी.एस. विरदी, अजायब सिहं, मनदीप कौर, रमन शर्मा, जीवनदीप सिहं व संदीप सिहं आदि भी मौजूद थे ।

 

Treat your Daughter as Daughters and Not Sons: Girls Rise for Mohali

Girls Rise for Mohali Celebrates National Girl Child Day

Girls Rise for Mohali (GRM), on the occasion of National Girl Child Day conducted a Conference on Breaking Barriers – Gender   Equality from Different Perspectives (Part II) here in Khalsa College Mohali.

Speaking on the occasion, Mr. Vivek Atray, motivational speaker, author and former IAS Officer said that there is a need to bring change in the mind set up of the society so that female child is not discriminated against. Unless the society accepts that men and women are equal there cannot be a positive change in the world around us. He said, “The first lessons of gender equality begin at home. Parents and guardians are duty bound to raise their children in an environment that congenial for every child, especially the girl child.” “Teachers too have an equal responsibility”, he further added.

Mrs Bubbu Tir, a poet and an author speaking on the occasion said “Females need to stand up not just for themselves but for everyone around. Do not let circumstances create you but create circumstances that empower you to do good for everyone around”. She said, “while women are trying their best to strike a balance in personal and professional life, it is the duty of every male counterpart to support them. Only when men and women walk shoulder to shoulder and participate equally the real development of country takes place”

Miss Paramjit Kaur, former Chairperson State Women Commission Punjab, while speaking on women in Politics urged all women to stand up for their political rights”. She urged the audience to let their daughters take their life decisions and bring out the best in themselves.

Ms Opinder Preet Kaur, Founder GRM and a Municipal Councilor Mohali, while addressing the august gathering of representatives of various governmental and non-governmental organizations, social groups, professionals and students from different colleges and schools said that when women support great things happen but when men support women, incredible things happen.

Since 2008, every year, Government of India celebrates the National Girl Child Day to highlight the inequalities faced by girls in the country and to promote awareness about the rights of a girl.

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