भारत-रूस के बीच डिफेंस के अलावा इन मुद्दों पर बन सकती है बात
पुतिन का भारत दौरा मुख्य रूप से एस-400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली सौदे पर केंद्रित रहेगा, लेकिन अन्य कई मुद्दों पर भी सकारात्मक बातचीत हो सकती है.
दोनों नेता ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के मद्देनजर कच्चे तेल की स्थिति समेत विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं. इसके साथ ही डिफेंस सेक्टर को छोड़कर भारत और रूस अन्य सेक्टर में भी महत्वपूर्ण घोषणा कर सकते हैं.दो दिवसीय भारत यात्रा पर आ रहे हैं. इस दौरान रूस के साथ एस-400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली सौदे पर समझौता हो सकता है. पुतिन अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
19वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेता रूसी रक्षा कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंध को ध्यान में रखते हुए द्विपक्षीय रक्षा संबंधों पर भी बातचीत कर सकते हैं. पुतिन का भारत दौरा मुख्य रूप से एस—400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली सौदे पर केंद्रित रहेगा, लेकिन अन्य कई मुद्दों पर भी सकारात्मक बातचीत हो सकती है.
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भारत और रूस के बीच नई अंतरिक्ष सहयोग तंत्र पर बातचीत की उम्मीद है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घोषणा की थी कि भारत 2022 में चांद पर किसी आदमी को भेजेगा. सूत्रों के अनुसार, रूस ने ‘मेक इन इंडिया’ के लिए भारत को प्रशिक्षण और उपकरण देने का वादा किया है. इसके साथ ही रूस ने अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में यात्रा करने के लिए एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को प्रशिक्षित करने की पेशकश की है. भारत रूस सहयोग के बीच ऊर्जा का क्षेत्र काफी महत्त्वपूर्ण होगा क्योंकि भारत ने रूस में ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को काफी बढ़ा दिया है. पुतिन ने हाल ही में पूर्व डिप्टी पीएम दिमित्री रोगोजिन को रोस्कोस्कोस का प्रमुख नियुक्त किया है. जो भारत को सहयोग देंगे. इस द्विपक्षीय वार्ता में इन सभी मुद्दों पर भी विस्तार से बातचीत हो सकती है.