Section 377 Verdict समलैंगिकता अब अपराध नहीं – सुप्रीम कोर्ट
सेक्शन 377 पर फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि समलैंगिकों के अधिकार भी दूसरे नागरिकों जैसे हैं. उन्होंने कहा, “हमें एक-दूसरे के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए और मानवता दिखानी चाहिए.”
Section 377 Verdict के मामले में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न पक्षों को सुनने के बाद 17 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
जस्टिस आर एफ नरीमन, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदू मल्होत्रा भी शामिल हैं1861 के कानून के तहत गे सेक्स पर 10 साल की सजा हैसुप्रीम कोर्ट द्वारा सेक्शन 377 को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर देश के अलग-अलग हिस्सों में LGBT कम्युनिटी के बीच जश्न का माहौल है.