चंडीगढ़ सेक्टर-18सी के पार्क में खेल रहे चार भाई-बहनों पर 4 से 5 स्ट्रे डॉग्स ने अटैक कर दिया। बड़े होने के कारण तीन बच्चे तो भागने में कामयाब हो गए, लेकिन डेढ़ साल का आयुष भाग नहीं सका और कुत्तों के
बीच में फंस गया। वह जमीन पर गिरा तो पांचों कुत्ते उस पर भूखे भेड़िए की तरह टूट पड़े। बच्चे के जिस्म पर कई जगह जहरीले दांत गड़ा दिए। बच्चे केे नाजुक शरीर को बुरी तरह से नोच दिया। तड़पते मासूम को जब आसपास के लोगों
ने देखा तो पत्थर मारकर कुत्तों को भगाया। बच्चा बेहोश हो चुका था। पुलिस की मदद से उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
जानकारी के मुतबिक रविवार शाम को ममता कोठियों में काम करने के लिएआई। बच्चे अंजलि (6), आनंद (साढ़े 4), अर्पित (3) और आयुष (डेढ़ साल) भीसाथ थे। सेक्टर-18 पार्क के साथ एक चाय बनाने वाली बैठती है, जो ममता कीरिश्तेदार है। ममता ने चारों बच्चों को दुकान पर छोड़ा और काम करने केलिए चली गई। चारों भाई-बहन पार्क में खेलने लगे। इसी दौरान पांच कुत्तों
ने हमला कर दिया। तीनों भाई-बहन भागने में कामयाब हो गए, लेकिन डेढ़ सालका आयुष वहीं फंस गया। कुत्तों ने उसे नीचे गिरा दिया और नोंचना शुरू कर दिया।
परिवार के साथ बातचीत भाई बहिन पार्क में सेर करने आये लोगो के मुतबिक यहां देश में कानून
स्ट्रे डॉग की सिक्योरिटी के लिए तो बना हैै लेकिन इंसान की सिक्योरिटी के लिए नहीं है। एमसी को बच्चे के परिवार को मुआवजा देना चाहिए। 2015 में मनीमाजरा में स्ट्रे डॉग के काटने से रैबीज के कारण सादिया की मौत पर 3
लाख मुआवजा दिया गया था।
महिला
चंड़ीगढ़ में कुत्ते काटने के मामले को लेकर मेयर देवेश मोदगिल ने दिए चौकाने वाले आंकड़ेचंड़ीगढ़ में इस साल अब तक 6000 से ज्यादा डॉग बाइट के मामले सामने आएसेक्टर 38 की डिस्पेंसरी में 1892 कुत्ते काटने के मरीज पहुंचे
सेक्टर 19 डिस्पेंसरी में 4009 केस हुए रजिस्टर मेयर देवेश मोदगिल ने इस दर्दनाक घटना पर जताया दुख
कहा जब से ये घटना के बारे में सुना है तब से इसे सोच सोच कर रोना आरहा हैकैसे उस मासूम को कुत्ते नौच रहे होंगेकुछ देर बाद पीड़ित परिवार से जाऊंगा मिलनेघटना की जांच करवाई जा रही है
देवेश मोदगिल मेयर चंड़ीगढ़
चंडीगढ़ में एक डेढ़ साल के बच्चें को आवार कुत्तो दारा नोच खाने का मामला सामने आया है, इसी तरह से पंजाब के समाना में एक मामला सामने आया था जिसको लेकर एचसी अरोड़ा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बाद में सभी राज्यों के हाईकोर्ट को कह दिया था कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में ड़ाग बाइट के केस की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, राज्य के हाईकोर्ट सुनवाई नहीं कर सकते, हालांकि अरोड़ा का मानना है कि जब नील गाय को मारने का आदेश मिल सकता है तो आवारा कुतो के लिए भी कुछ होना चाहिए।