करनाल में 50 एकड़ मेंविकसित किया जायेगा फार्मा-पार्क ।

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हरियाणा के उद्यमियों को बड़ी सौगात प्रदान करते हुए राज्य सरकार ने हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं ढ़ांचागत विकास की औद्योगिक संपदाओं में विकसित की जा रही औद्योगिक इकाइयों के लिए फ्लोर एरिया रेशो 150 से बढ़ाकर 200 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा करनाल में 50 एकड़ में फार्मा-पार्क विकसित किया जाएगा जोकि क्षेत्र में फार्मास्यूटिकल उद्योग को बढ़ावा देगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को करनाल व कुरूक्षेत्र जिलों के उद्यमियों की करनाल में ‘समाधान दिवस’ कार्यक्रम में समस्याएं सुनी। इस अवसर पर व उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल भी उन के साथ थे। उद्यमियों द्वारा रखी गई 29 समस्याओं में से 27 का मौके पर ही समाधान कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने जिला करनाल व कुरूक्षेत्र में औद्योगिक विकास को और अधिक बढ़ावा देने के लिए कई घोषणाएं की। जिस में औद्योगिक इकाइयों के लिए फ्लोर एरिया रेशो 150 से बढ़ाकर 200 प्रतिशत करने,

करनाल में 50 एकड़ में फार्मा-पार्क विकसित करने , औद्योगिक प्लाटों की दो श्रेणियों के मामले में औद्योगिक कार्यान्वयन में 10 प्रतिशत की अंतर-लागत के साथ अनुमति देने ,और खाली पड़े प्लाटों के मामले में वर्तमान दर में 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ परिवर्तन के लिए अनुमति दिए जाना शामिल है ।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल

बैठक में करनाल एग्री इंप्लीमेंटस मैनूफैक्चरिंग एसोसिएशन ने मिनी क्लस्टर योजना के तहत स्थापित किए जाने वाले टूल-रूम के लिए उपकरणों की सूची प्रदान करने के लिए आग्रह किया गया। । बैठक में बताया गया कि हरियाणा एंटरप्राइज प्रमोशन बोर्ड द्वारा आग के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई है जो कि सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम है। इस मामले में 45 दिन से अधिक का कोई भी केस शेष नहीं है। उन्होंने कहा कि एचएसआईआईडीसी द्वारा इंपैनल्ड 289 आर्किटेक्ट की सेवाएं अब औद्योगिक इकाइयों द्वारा ली जा सकती हैं। चूंकि एचईपीसी में मामलों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है, ऐसे में उद्योग विभाग ने सक्षम युवाओं को रिलेशनशिप आफिसर के रूप में रखने का फैसला किया है जो एचईपीसी से आवश्यक सेवाओं का लाभ उठाने में उद्योगों की सहायता करेंगे।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोत्साहनों को दाखिल करने के लिए ऑनलाइन प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाया जाएगा। सेवा के अधिकार अधिनियम के अनुसार प्रोत्साहनों की मंजूरी के लिए 45 दिनों की समय सीमा अधिसूचित की गई है। आवेदनों की स्क्रूटनी और अनुमोदन की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है।

उन्होंने बताया कि सूक्ष्म और लघु उद्योगों के सामने बैंकों द्वारा कई बार सूक्ष्म एवं लघु उद्यम योजना के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट द्वारा अड़चनें डाली जाती थी। जिस कारण करनाल जिले में 2000-2018 की अवधि के दौरान 7977 केसों में मात्र 461 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई थी। लेकिन अब डी.आई.सी द्वारा ऐसे मामलों पर फॉलोअप करने के लिए एक मैकेनिज्म तैयार किया गया है। हरियाणा में राज्य स्तरीय बैंकर समिति बनाई गई है जो कि डी.आई.सी को ऐसे मामले भेजेगी ताकि उद्योग लगाने वालों को सही रास्ता मिल सके।

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