चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में चाहे 440 ग्राम की दुष्यंत ने 110 दिन NICU न्यूरोलॉजिकल इंटर्नशिप केयर यूनिट मैं रखा गया डॉक्टर विक्रम बेदी और उनके साथ साथ डॉक्टर ने डॉक्टर बेदी हॉस्पिटल में उसका इलाज किया और उसको आर्टिफिशल लेजर की मदद से ऑपरेशन किया और उसमें प्लेटलेट्स भी डाला मां बापइसको सही सलामत होने पर भगवान का चमत्कार माना और डॉक्टरों को भी धन्यवाद दिया बचाव स्वस्थ है और अब 2 किलो से ऊपर का है 110 दिन बाद उसको अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया हैडॉक्टरों ने बच्चे को बाहूबली नाम दिया है.
440 ग्राम का बच्चा,हुआ पैदा डॉक्टरों ने दिया बाहुबली नाम
इस बच्चे को शुक्रवार को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. जब बच्चे के जन्म हुआ तो उसका वजन 500 ग्राम से भी कम था. बच्चे को 110 दिनों तक अस्पताल रखा गया, जिसके बाद अब बच्चा तंदरुस्त है.
अर्चना उम्र 38 और उनके पति सचिन उम्र 42 कांगड़ा निवासी है और करीब शादी के 13 साल बाद जन्मे प्री मेच्योर बच्चे को जन्म दिया. लेकिन बच्चे का वजन सिर्फ 440 ग्राम था और उसके बचने की उम्मीद ना के बराबर थी.
डॉक्टरों की कड़ी मेहनत से बच्चा आज पूरी तरस से तंदरुस्त है. बच्चे का वजन अब 2 किलो है. डॉक्टर विक्रम सिंह के मुतबिक बच्चे को कई आर्टिफीसियल और लेज़र की मदद से ऑपरेशन किया गया
बच्चे को डॉक्टर की तरफ से प्लेटलेट दी गई और सर्जरी की गई, जिसमें उन्हें सफलता मिली और आज बच्चा बिलकुल स्वस्थ है. बच्चे के मां बाप के साथ साथ डॉक्टर भी खुश हैं, क्योंकि उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई है.वही मां बाप ने भी इतनी परेशानियों के बाद अब राहत की सांस ली है क्योंकि बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है. उनका कहना है कि यह सब चमत्कार है जिसमे बच्चा इतना सब कुछ होने के बाद भी सही सलामत है.