ई-पंचायत का विरोध, पारदर्शिता का विरोध है, भविष्य में समस्याएं आएंगी उन्हें दूर किया जाएगा।

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ई-पंचायत का विरोध, पारदर्शिता व नियोजित विकास का विरोध है जो गांव ई-पंचायत नही चाहते उन्हें आंदोलन की आवश्यकता नहीं है वे ग्राम सभा का प्रस्ताव सरकार के पास भेजें। उनकी जो भी समस्याएं आएंगी उन्हें दूर किया जाएगा। यह बात विकास और पंचायत विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रसतोगी ने कही।

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ई पंचायत प्रणाली के विरूद्ध हो रहे विरोध पर विकास और पंचायत विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रसतोगी ने शनिवार को चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जो मुद्दे सामाने आये हैं उनमें पंचायतें ग्राम पंचायत विकास प्लान से बंध जायेंगी और साल के बीच में किसी काम की जरूरत आन पड़ी तो नही करवा पायेंगी। इसके लिए हरियाणा सरकार केन्द्र सरकार से आग्रह कर रही है कि साल में हर तीन महीने बाद जीपीडीपी में सुधार का अवसर दिया जाये व अचानक जरूरत पड़ने पर एक बार तुरंत सुधार का मौका दिया जाये। उन्होंने कहा कि सरपंचों को मजदूरी का पैसा नकद रखने की शक्तियॉ प्रदान कर दी जायेगी। अचानक होने वाले कामों के लिए नकद राशि का प्रावधान है। उसका प्रयोग कर सकतें है। ग्राम सचिव व सरपंचों की ट्रेनिंग करवाई जा रही है। ग्राम सचिवालयों के अटल सेवा केंन्दों में ट्रेंड आपरेडर है।

अनुराग रस्तोगी, प्रधान सचिव, विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा।

 प्रधान सचिव ने बताया कि ग्राम पंचायतों के स्वयं शासन को सुदृढ़ करने के लिए 1620 सचिवालय हरियाणा में स्थापित किये जा चुके है।  जिन्हे समस्त उपकरण व फर्नीचर से सुसज्जित किया जा रहा है। तीन-चार पंचायतों के मध्य एक ग्राम सचिवालय स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि  अटल सेवा केन्द्र ग्राम सचिवालयों में स्थापित किये जा रहे है। अटल सेवा केन्द्र कम्पयूटर व नेट की सभी सुविधाओं से लैस है और ई-पंचायत की सभी इंट्री करने के योग्य है। राज्य सरकार द्वारा इन्हें मानधन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्राम सचिवों का लगातार प्रशिक्षण हो रहा है तथा ग्राम सचिवों को लैपटॉप उपलब्ध कराये गये है। 


 अनुराग रस्तोगी, प्रधान सचिव, विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा।

उन्होंने कहा कि जो काम अभी 2017-18 के चल रहे है, जो पंचायतें नहीं चाहेंगी उनको ई-पंचायत का हिस्सा नहीं बनायेंगे। 2018-19 के सभी कामों को ही ई पंचायत का हिस्सा बनायेंगे। यदि इसके बावजूद भी कुछ पंचायतें ई पंचायत का हिस्सा बनना नही चाहती तो ग्राम सभा का प्रस्ताव पारित करके भेजें। उन्होंने कहा कि जो ग्राम पंचायत पारदर्शिता व नियोजित योजना का हिस्सा नहीं बनना चाहती, उन्हें अधिक आर्थिक आधार नहीं दिये जा सकते, जो पंचायतें ई-पंचायत को लागू नहीं करना चाहती उन्हें 20 लाख के स्वयं खर्च करने के अधिकार के स्थान पर पिछले दस लाख स्वयं खर्च करने के अधिकार तक सिमित रखा जायेगा।  इन पंचायतों को गुड गवर्नेस की प्रफोरनैंस ग्रांट भी प्रदान नहीं की जायेगी। इस सबके बावजूद भी अन्य सुधारो के लिए विभाग तत्पर है।

अनुराग रस्तोगी, प्रधान सचिव, विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा।

 उन्होंने कहा कि ई-पंचायत पूर्णतया लागू होने पर गॉव के विकास की पूरी कहानी पूरी पारदर्शी हो जायेगी, गांव में कितना पैसा विकास के लिये आया है और कहां-कहां खर्च हुआ है। यह जानकारी भी पोर्टल पर हमेशा उपलब्ध रहेगी कौन-कौन से काम बाकी है। पंचायतें भी प्रदेश सरकार की तरह पूर्व योजना बनाकर पोर्टल पर डाल देंगी की आगामी वर्ष की ग्राम पंचायत की विकास योजना क्या है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में 6204 पंचायतों मे से 3638 ग्राम पंचायत, ई-पंचायत के ई-पोर्टल पर पहले ही प्रारम्भ हो गई है, जो कुल का 60 प्रतिशत है।  जिनके भिन्न-भिन्न स्तर पर डाटा अपलोड हो गये है।

अनुराग रस्तोगी, प्रधान सचिव, विकास एवं पंचायत विभाग, हरियाणा।


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